सत्संग रंग बरसायारे मेरे सत्युख्खास्त सत्संग रंग बरसाया रे
स्वामी
आज महारे भाग पुरखले जागे दया करी घरे सतगुरु आगे • होगी आन्मूद काया रे मेरे सतगुरु स्वामी सतसंग रंग बरसाया
चरण कमल में फुल बिछाऊ मन फुली नहीं समा कैसा शुभ दिन आया रे सतसंग रंग बरसाया 20 सतगुरु स्वामी
चन्दन,
सतसंग रंग बरसाया
चौकी आभून बिधा के प्रेम भाव से भोग लगा के चन्दन तिलक लगायारे मेरे सतगुरु स्वार्मा
फस फुला और मेवा सारी, ना कोई चीज गुरुजी से प्यारी तन मन भेट चडाया है मेरे सतगुरु स्वामी सतसंग रंग बरसाया?
है ऐसी भारी मेरे ज्ञान कटारीत चड़ गई सुरता अदल अयरी लोभ रहा ना मायार मेरे सतगुरु स्वामी
सतसंग रंग बरसाया रे
सतगुरु स्वामी