सतगुरु बिना घोर अन्धेरा, सब काम मिटाये तो
तु विछड़ रहा है कब से हुसे गुरु मिला है सब न्से सतगुरु बिना घोर अन्धेरा सब भ्रम मिटाया
बा गोता, वयु व्यर्थ जीवन खोता १ला गुरु ज्ञान बा होता है नया संवेरा सब भ्रम मिटाये तेरा घोर अन्धेरा सतगुरु
३ गुरु अखण्ड ज्योति प्रकाशी,गुरु सात साल अविनाशी सतगुरु बिना, घोर अन्धेरा सब काम मियये तरा
५ चल गुरु जी की शरण मैं, आ से धाम में जिसा डेरा, ना जन्म भरण रा, सब भ्रम मिव्ए तैय सतगुरु बिना घोर अन्धेरा