सेवक के प्राण पुकार रहे, गुरुदेव हरे गुरुदेव हरे मेरी रंग-रंग से गुरु नाम बसा, आइ पहर सुबह शाम यही जीवन का आधार रहे, गुरुदेव हरे - गुरुदेवच्हरे सेवक के
१ अदभुत तुम्हारी माया हैं यहू भेद किसी ने ना पाचा है सुब प्रदेष साए थे हार गये, गुरुदेव हरे गुरुदेव हरे सेवक को
३ कभी साथ सन्त का छुटेना, गुरुरुदेव मेरे से रुटेना चाहे ख्हा सारा संसास रहे, गुरुदेव हरे गुरुदेव हरे सेवक को
वचन चे सही इटे, कहे गुरु जी हर दोष जो शुरु वूचन मिटे नहीं किसी चीज की हार रहे, गुरुदेव संवक था हरे गुरुदेवारे