तुम पार्ने गुरुदेव मनाया करो तुरा पीर रजक लगाया करो
मात-पिता और गुरु अपने ली चरणों में शीश नवाया करो तुम तुम पहले
जित लागय से भोग होर का मुखी दो मुठठी भुगताया करो - तुम तुम पहले
जित लागयै से भोग हरि का
जित हो रही सै राम की हे चर्चा स्यात घड़ी चली जाया करी तुम पहले