हुने सबको व्याज सवारे मेरी माँ कभी मेरे भी सतहोतो जानू
जग तेरा खेल तमाशा भार दूजरा सा हिलाकर के तेरी ममता सबको पुन्नार मां कभी मुझे भी मुकारे तो जार हुने
तेरी पड़े मनरा सीधाया तो गुनहगार गुनहा से नारे लोक, भक्तों के कष्ट निवार भी कभी मेरे भी निवारो तो जान
तेरे एक इशारे पर मैया
सका सन्तर हरने वाली माँ करोना को भगाओ तो,
आदी शक्ति का रूप लिया मरिकासुर का बंध लिया