उसल्ली किसमत साठी रे जो कोई कहे राम नै माडा करें राम नै भाग, जो कोई
जब तू अमर लोक से आया लापा ज्ञान अपाश
लाया ज्ञान अपारा इस कुनबे के मोह में उनन्नी पिसमल में फंस कर भूल गया हरिया
नाम को कहे फकीरी. करे 10-12 मंगता के तू शिक्षा ना डाले, का संतनै काड़ा उनकी किसमत
-पिता तेरा कुटम्ब कबीला कुनबा बैग सारा जात- आँख खोल के उनली किसमत देख बावले कौग तुम्हारा
चर्मराज तेरा लेखा लेगा, हाल बुकले सारा यमूराजा के उनकी किसमत हुत पड़ेगे, जब जान नै खाड़ा
सतगुरू जी है ट्या के दाता, देगे ज्ञान अपारा जिसके घर में राम बैठेजा होजा भव से पारा