सत कके आनी हो मेरी रंग चुदड़िया हो मेरी रंग दो आप अनी हो रंग दो चुनरियों मेरी- चुनरिया
आप रंगो चाहे मोल रंगा दो प्रमे नगरिया में खुली है बजारिया सतके आप धनी
जब दोगे जूब लेले जागी चाहे बीत जाये सारी उमरिया, सतके- आप धनी
ऐसी रंगो मेरे दाता रंग नहरी छुटे धोबी तो चोये चाहे सारी उमरिया, सतले आप धनी
कहत कमाली कबीरा भारी द्वाली अब चल के देवू में भारी वगरिया, सहले आप धनी
रंग दे चुनरिया सेरी रंग दे चुनरिया सत के चनी हो मेरी रंग दे चुनरिया आप धनी हो मेही रंग दे चुनरियों ।॥