तुम से लागी लगन तन मन प्रभु की शरण। --- टेक
पालनहारा! मेटो-मेटो प्रभुजी संकट हमारा।।
जग के दुखों की तो परवाह नहीं है।
सर्व सुखों की भी चाहत नहीं है।।
मेटो जीवन मरण होवे ऐसा जतन।
पालनहारा! तेरे चरणों में शीश हमारा।। --- १
तेरे दर पे जो नर नारी आए।
झुक-झुक प्रभुजी को शीश झुकाए।।
संकट सारे टले सुख कि झोली भरे।
चमके सितारा! तेरे चरणों में शीश हमारा।। --- २
जो नर प्रभुजी का गुणगान गाये।
सारे पाप बन्धन सब छूट जाएं।।
सिद्ध आसन लगाए प्रभु छवि मन राजे।
हे करतारा! तेरे चरणों मे शीश हमारा।। --- ३