तुम सिद्ध हो सिद्ध गुफा बनाई प्रसिद्ध है तेरा गाँव संवाई तुम हो योगी हम हैं भोगी भोगी भी और पूरे रोगी 12 13 रोग की तुम हो खास दवाई ।। तुम सिद्ध ॥ तुम शुद्ध हो तेरे शुद्ध विचारा, 15 शुद्ध रूप तेरा भण्डारा, शुद्ध घी की थारे चढ़ें कढ़ाई तेरे दर पर जो भी आता, ।। तुम 18 सिद्ध ॥ 29 माघ 15
खाली हाथ कामी न जाता, 10 10 करते सब की मन की चाही ।। तुम सिद्ध ॥
22 शर्मा जी का गाँव सँभाला, 12 आगे ना कोई जातक वाला मैं इकला मेरे दो है। लुगाई, 13 14 चरणों में यह विनय सुनाई ।। तुम सिद्ध ।