गुरुदेव दया करिये - करिये 10 सब पाप माफ करिये - करिये "जंग में चहुँ ओर "अधेरा है यहाँ लगा पाप को डेरा है हमको माया ने बेस है होरा है। मम अंहकार हरिये हारये "लोचन परियक बिद्धाते है और उस पर तुम्हें बिठाते है फिर पलके कपाट" लगातें है "उर छवि प्रकाश "भरिये - भरिये "तुम चन्द्र सुखद हम है चकोर 20 हम चाह रहे हैं कृपा की कोर चौं- योग सुधा में हो विभोर मम् दम्भ कोष हरिये हरिये