मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे।
गुरुदेव सवाँई वाले मेरे।। --- टेक
तुम भक्तन के हितकारी।
मैं आ गया शरण तुम्हारी।।
काटो जन्म मरण के फेरे। --- १
मेरी डोले भंवर विच नईया।
प्रभु बन जाओ आप खिवैया।।
मेरे तुम हो साँझ सबेरे। --- २
तुम हर युग अन्दर आये।
मोह निन्द्रा से जीव जगाए।।
किए जग के दूर अँधेरे। --- ३
मैं हूँ जीव अधम अभिमानी।
तेरी भक्ति ना हमने जानी।।
हरो मन के पाप हमारे। --- ४
मेरे नैना कब से तरस रहे।
सावन भादों से बरस रहे।।
अब छाये घन-घोर अंधरे। --- ५
जिस दिन से दुनिया में आया।
पल-भर भी चैन नही पाया।।
सहे कष्ट पे कष्ट घनेरे। --- ६
मेरे सारे सहारे छूट गये।
तुम भी गुरु मुझ से रूठ गये।।
आओ करने दूर अन्धेरे। --- ७