नन्द नामा की चोरी चोरी खेलन जज की होरी
चले मुरली के नजैसा श्याम संग में ले लरिकन की गेली चले मुरली के नजेगा श्याम पीताम्बर को कमरे करूनी कांधे कटि सोहे करधनिया मोर पंख सिर सुकुर बिराजे चाल चते दुलमुलिया कि बाजे पग पैजनिया श्याम माल पर सोहत केसर रोरी चले
चले जात जमना तर कान्हा खेलत हीं खिलनाड यहाँ अचानक दाने राधिका चन्द्र मदने सुकुमार दरस किगे चोरी चोरी श्याम
"कि पूश्चत श्याम कौन, तुम गोरी चले २ कहाँ रहन किनकी हो बेटी देखी ना बज मॉनि कहत राधिका नरसाने की खेलत अपने गाँव नाम है राधागोरी श्याम
बामा बमभान की वारी दुलारी चले कानन सुनति रह्यो अब देख्यौ तुम हो जज के बीर
इत उन उल्हन सुनन जशोदा अपारनेर जात अवार करें दधिदूध की चोरी याम कसे देने उगर प्रगर बरजोरी चले मुरलो कहा चुराइ लेहि हम तेरी आओ खेले फाग मनमोहन मोहामिया डारी कार कार मीठी बात नचाई राधा गोरी साथ
श्याम रंग में रंग गई चकोरी चले मुरली