गुरु चरनन में होजा भैया मतवाला दैहिक भौतिक सावन व्याये
क्रमश
सद्गुरु जिसका रखनाला अंधकार अज्ञान दूर कर गुरचरनन- निरमल भाव बना डाला गुर चरनन
गुरु मूरत ही सब तीरथ हैं मंत्र जाप ही है माला गुरुचरनन
राग द्वेष निर्मूल बना कर प्रेम का पाठ पढ़ा डाला गुर चरनन
कृपा कोर से तुरत कुड़ावत काम क्रोध भव से पाला चरनन
जीन ब्रह्म का भेद मिटाकर ज्ञानका दीप जला डाला गुरु चरनन
शक्तिपात कर सतगुरु तुमने मन का याम नशा डाला गुरु चरनन
14 सद्गुरु चरन कमत्ल की रज ने जोबन सफल बना डाला गुरु चरनन
चन्द्रोदक / चरणोदक है चक्र विनाशक ज्ञान चालु देने वाला गुर चरनन में होजा भैया मतवाला