गौरी शिवशंकर से पूछें
सतगुरु कथा कहौ समझाय गुरु मूरत ही ध्यान मूल है वेद शास्त्र सबगार्ने सद्गुरु पद नख चिन्तन कर ले ईश जीव सम जाय गुरुवाणी ही मूल मन्त्र है शेष शारदा गावें जो गुरु कृपा करें क्षण माँही
जग मुक्ती मिल जाय गुरु ही ब्रह्मा गुरु ही विष्णु गुरु महेश त्रिपुरारी गुरु ही पारबम परमेश्वर
चिन्मय तत्व लखाय गौरी शिवशंकर से पूछें