(धुन - जहाँ डाल-डाल पर सोने की)
जहाँ परम सिद्ध श्री महाप्रभु का रहता सदा बसेरा।
वह गुरुधाम है मेरा वह सिद्धगुफा है मेरा।। --- टेक
जहाँ आकर के श्री महाप्रभु ने सिद्ध गुफा बनवाया।
जिसमें निवास कर इस मिट्टी को अमृत तुल्य बनाया।।
जिसके सेवन से मिट जाता है महाकाल का घेरा।
वह गुरुधाम है मेरा वह सिद्धगुफा है मेरा।। --- १
जहाँ बालक गण भी ध्यान योग की दिव्य अवस्था पाते।
सारी दुनियाँ में जहाँ कहीं भी क्षण भर में हो पाते।।
जहाँ दूर दृष्टि और दूर श्रवण का मिलता क्षमता न्यारा।
वह गुरुधाम है मेरा वह सिद्धगुफा है मेरा।। --- २
जहाँ साधारण गृहस्थ भी आकर दिव्य द्रष्टि पा जाते।
वे उच्च कोटि के सिद्धों के हैं प्रायः दर्शन पाते।।
वे महायोग की उच्च भूमिका पा जाते हैं सारा।
वह गुरुधाम है मेरा वह सिद्धगुफा है मेरा।। --- ३
परमाणु शक्ति से महान जहाँ शक्ति सदा बंटता है।
इस जीवन के भी आर-पार जो सदा खबर रखता है।।
जहाँ महाप्रभु की कृपा मात्र से तर जाता भव सारा।
वह गुरुधाम है मेरा वह सिद्धगुफा है मेरा।। --- ४
श्री चन्दमोहन जी महाराज है सद्गुरुदेव हमारे।
वह शक्तिपात के द्वारा ही लाखों भक्तों को तारे।।
जो शरण आपकी आता है उसका जीवन उजियारा।
वह गुरुधाम है मेरा वह सिद्धगुफा है मेरा।। --- ५
जहाँ सूक्ष्म जगत की हलचल का भी ज्ञान सदा रहता है।
जहाँ सिद्ध लोक और धरती का संबंध बना रहता है।।
जो सिद्ध गुफा की शरण आता है बन जाता न्यारा।
वह गुरुधाम है मेरा वह सिद्धगुफा है मेरा।। --- ६