योगी करे पुकार गुरू जी देर कहाँ अब लायी है। --- टेक
ध्यान करे है भक्त तुम्हारा प्रभु क्यों होता है न्यारा।
तुझ बिन नहीं कोई है सहारा करता न कोई सहायी है।। --- १
दास शरण में तेरी आया तूने ना दर्शन दिखलाया।
दुढ़॒फिरा कहीं नहीं पाया सूरत ना दिखलायी है।। --- २
पापों ने तो मुझे दवाया काम क्रोध ने मुझ को खाया।
इस माया ने मुझे रुलाया चढ़ गई शीश बुराई है।। --- ३
बचाना हो तो प्रभु बचाले अपने हाथों दास को उठाले।
छातीं से जो अपनी लाले मेरी तेरे हाथ कलाई है।। --- ४
प्रभु रामलाल जी कहूँ हाथ जोड़ कर मत जाओ कहीं मुझे छोड़कर।
अमीरा नन्द गावें भजन जोड़कर आतम की लहराई है।। --- ५