भूल गया तू वायदे को उनका न ख्याल किया। --- टेक
बाली उमर तो खोई खेल में बच्चों के साथ तु रहा गेल में।
मात पिता तेरे रहे टहल में अपना ना कुछ ख्याल किया।। --- १
चढ़तीं आई तेरी जवानी तेरे ना कुछ मन को मानी।
अपनी काढ़ी ना परेशानी आगे का ना ख्याल किया।। --- २
ध्यान दिया राम नाम में मस्त हुआ था तू ही काम मैं।
कुछ करम किया ना सुबह शाम में कभी उसका नहीं नाम लिया।। --- ३
माया देखी जब संसारीं करन लगा उससे प्यारी।
ऐसा सूरख बना अनाड़ी वचनों को ना ख्याल किया।। --- ४
मद जीवन में फूल गया है उस प्रभो को श्रूल गया है।
मस्ती में तू भूल गया है फंस माया के जाल गया।। --- ५
तेरी मेरी करन लगा है नरक बीच मरन लगा है।
गठरी पाप की धरन लगा है अपना बुरा हवाल किया।। --- ६
गुरु चन्द्रमोहन कहें बचन करारा अमी रानन्द सुन बचन हमारा।
यह तो वह नरक की धारा ना वचनों का पाल किया।। --- ७