सह को हाथ बनवारी नहीं तो डूब जायेगे ! हत्यारा कुछ ना बिगड़ेगा तुम्ही शान जायेगी ।। धरी है शीश के ऊपर गठरियां पाप की भारी वजन पापों का भारी है, ये लेके हुब पनाह लो जायेगे !!
पूड़ी मभाधार में नया मिस्सिक्यौ कोई नही मेरा सिंक्या आप बन जाओ, 2 तो चनैया पार हो जाए ।
तुम्हारे ही भरोसे जमाना छोड बैठे हैं। जमाने की तरान देखो तो फिर कैसे निभाओगे !!
जवाहरों से भरी चुरी, हुमारी गोन जायेगी ये बचपन की महोबत है, हरी कैसे निभाओगे। पकड़ लो
दर्द दिन की कट्टे किस को, सहारा ना कोई मेरा सुनोगे आप ही मोहन, और किस को सुनायेगे
पकड़ लो हाय बनवारी नहीं तो डूब जायेंगे। हमारा