माई पुष्प बरसाओ प्रभु गुरुदेव आते हैं हृदय के द्वार खोलो देवों के देव आते हैं
सजाओ मन के मदिर को श्रद्धा प्रेम से पुरा पंभालों गंध बाहर की मानो काम है पूरा मन को मोहने वाले सुधा लेकर के आते हैं
करो अभ्यास्र मार्ग का जो उपदेश पाया है गीता ग्रथ रामायण ऋषि मुनियों ने गाया है है साधन योग का केवल पशु से देव बनाते हैं
सद्गुरु तत्व हैं सत्ता जो सारे जग समाया है करे कल्याण निश्चय ही शरण उसकी जो आया दि योगीश्वर चन्द्रमोहनजी श्री सिद्ध गुफा में आते हैं