करो अब ऐसी प्रभु कृपा तुम्हारी भवत बन जाऊँ।
करूँ मैं साधना ऐसी तुम्हीं में मैं समा जाऊँ।। --- टेक
नाम रसना को हो प्यारा।
बसे तेरी छवि मन में।।
रहे हर श्वास में सुमरिन।
हो अर्पण तेरे चरणों में।।
हो तन सन धन सभी तेरा प्रभो बस तेरी कहलाऊँ। --- १
सुनूँ बस तेरा ही मैं नाम।
हर धड़कन में हृदय की।।
नयन देखें सदा मेरे।
प्रभो तेरी सरस झाँकी।।
न मुझमें कुछ बचे अपना समर्पित तुझको हो जाऊं। --- २
जपूँ प्रतिपल तुम्हारा नाम।
जग के काम करते भी।।
करूँ निशिदिन तेरा वन्दन।
इस तन के जाते-जाते भी।।
रहे बस ध्यान तेरा ही उसी नें लीन हो जाऊं। --- ३