आनों सन्तों तुम्हे सुनाए गाथा गुरवर ज्ञान की स्वॉस-स्वाँस में मंत्र समाहित अन्तर लौ भगवान की
सद्गुरु शरण गच्छामि सदुगुरु शरण गच्छामि चरणार विन्द॑ गुरुदेव नमामि गुरुदेव शरणं गच्छामि प्राप्त करे जो चरण कमल रज तुलना नहि श्वुदान को बांह पकड कर मोक्ष दिलागों महिमा गुरूदेव महान को
सद्गुरू शरणं गच्छामि सदगुरू शरत गच्छामि चरणार बिन्द॑ गुरूदेव नमामि गुरुदेव शर ण॑ गच्छामि चर और अचर सभी में संचित गति है प्राण अपान की श्री सद्गुरू ही परम तत्व है सीमा नहीं निज आन की
सद्गुरू शरणं गच्छामि सद्गुरू शरणं गच्छाभि चरणार विन्द गुरुदेव नमामि गुरूदेव शरणं गच्छामि घ्रद्धाभाव ही पूर्ण भक्ति है कपा दृष्टि श्रीमान को इससे बढ़कर क्या कोमत है देवों के वरदान की
सदगुरू शरणं गच्छामि सदगुरू शरणं गच्छामि चरणार विस्दं गुरूदेव नमामि सद्गुरू शरणं गच्छामि सिद्ध गुफा के सब बच्चों पर छाया प्रभु रामलाल को श्री चन्द्रमोहन गुरुवर ही करते कप्ट शमन इन्सान की