प्रभू जी बैठे सिद्ध गुफा पे दरशन करते लाॉगुरियां
जो तोइ पूजन की अभिलाषा कंचन थार सजइयो फल और फूल थार में धरिके चन्दन ध्रूप जलइयो फिर घूमा-घामी कहूं मति करियो खडो लाइन में होय
भूख प्यास को जो तोइ इच्छा भण्डारे जाइयो जकारा लग जाय प्रशू का तवहीं भोग लगइयो फर भटका भटको करें मति करियो पाच जिमाय दऊ तोइ
पेट खराबी जो तोइ होय तो आसन करियो जाय सर्दी जुकाम होय तेरे तन तो नेती करियो जाय व डाक्टर पे मति जाइयो जीवन तत्व कराइ दऊ तोइ
जो तोइ होय योग की इच्छा तो सद्गुरु पे जाइयो तिलक लगाय आरती करियो चरणन शीश नवइयो दीक्षा ले आलस मत्ति करियो ध्यान बनैठाइ दऊ तोइ