प्रभु जी मेरी कंसे बनेगी तकदीर कटेगी कैसे जनम मरण जंजीर
झूठ साँच मेरी तेरी की जित देखु तित भीर अति प्रिय लागे कुटम कबीला नयन बसी तसवीर
धन अजन की लगी लालसा खाली होय न जमीर कैसेऊ घर में आए लक्ष्मी जल्दी बनू अमीर
प्रभु जौ मेरो न नर हर हनलर सत संगत में स्वाद न आवे लागे ढोंग लकोर गुण अवगुण को ज्ञान न पायो पाए न सज्जन पीर
दूषित तन नहिं मन सच्चाई करम किये गम्भीर सव बौतरणी पार लगादेंऊ हे मेरे गुरू वीर
सजन ध्यान कछू बनत न मोपे तामस भरो शरीर चिषम परिस्थित मन इन्द्रिय की बांधे बंधे न घीर
राग ट्रंप दोंऊ लगे लुटेरे ले माया के तौर माया ठगनी दुश्मन बन गयी फेको चढं दिशित्चौर
ऐसो विवश संसार चक़ में चले न कोई तदवीर बचि न सकों कोई तेरी कृपा बिन बन गये लोग फकोर
करि दे कृपा कृपानिधि मोपे तासो लगो भवतीर अब तो आप करो कछु ऐसों निर्मल होय शरीर