हंसा जगमग जगमग होई
बिन बादल जहां बिजली चमके, अमृत वर्षा हुई। ऋषि मुनि सब करें रखवाली, दिये ना पाले कोई !!
दिवस जहां अनहद बाजे, धुनि सुनी आनन्द होई। * ज्योत बरे सतगुरू के निसुर्दिन, ताकि ताक रहत समाई !!
सार शब्द की चुनी उठतु है, बुभौ बिस्ला कोई। करना मेरे जूह के नाले जोई पियत अमरपद होई ।।
सतगुरु साहेब प्रभु मिले बिदेही चूरनन भक्ति समोई। चेतन वाला चेत पिया रे, नहीं तो जात बहोई ।। हसा