भजन मीरजापुरी कजली
गुरूजी तोहरी सूरतिया एक पल नाहीं भुलैना सिर पर हथवा की थपकिया एक पल नाहीं भूलैना
जब से प्रभुजी मोहिं अपनाये आपन अनुपम दरस दिखाए अभय रहूँ दिन रैन प्रभु की लल्ला लल्ला बोलिया एक पल नाहीं भुलैना
उदधि अपार दया कै प्रभुजी भगतन के प्रतिपालक प्रभुजी सत् चित् आनन्द ऐन प्रभु की करुणामय बचनिया एक पल नाहीं भूलैना
दरस करत भागहिं अघ सारे सबहिं सोहायँ प्रभु जी हमारे तुम अनुपम छबि राशि प्रभु की जल्दी जल्दी चलिया एक पल नाहीं भूलैना
नवमी पर प्रभु रवि सम चमकें तिरछी भौहं नयन जनुं दमकें देखत क्षितिज की ऒर प्रभु की गुरु गीता कथनिआँ एक पल नाहीं भूलैना