तज कजली बनारसी
हरे रामा प्रभु के चरण कमल पर बलि बलि जाऊं रे हरी सिद्ध गुफा की सुन्दर बगिया मन मकरंद लुभाने रामा आश्रम के आमलक बिटप पर बलि बलि जाऊं रे हरी विश्व विटप के पालन हारे सत् चित् गुरूजी हमारे रामा हरे रामा प्रभु के पद रज कण पर बलि बलि जाऊं रे हरी मोह निशा तम हारी प्रभुजी ज्ञानालोक प्रचारी रामा हरे रामा प्रभु के प्रति प्रबचन पर बलि बलि जाऊं रे हरी सहज कृपालु दया के सागर करुणार्णव गुण आगर रामा हरे रामा प्रभु के मधुर बचन पर बलि बलि जाऊं रे हरी अमित सरलता शील क्षमा करुणा से पूरित अँखियाँ रामा हरे रामा प्रभु की इस झांकी पर बलि बलि जाऊँ रे हरी