लौज कहते है भगवान आते नहीं।
बीजू नाहते है गुगतान ते करी सच्चे दिल उन्हें तुम हसुलाते नही ।।
कौन कहते है भगवान खाते नहीं भतिनी की तरह तुम खिलाते नहीं ।।
भीन ककहते है पार्टी सी गीता सुनाते नही चारणा तुम दिखाते नही ।।
कौन कहते है भगवान सौते नहीं, यशोदा की तरह तुम सुलाते नही ।।
लौनू कहते सच्य है दर्शन कराते नहीं दिन उन्हें तुम बुलाते गो थियो तरह
यौन वाहते है लज्जा बचाते नहीं दोपदी तरह तुग बुलाते
कौन चाहते भगवान न्यसे नहीं गोपियों तरह तुम नचाते नहीं
कौन कहता है भगवान आते नही सच्चे दिल से उन्हें तुम बुलाते नहीं।