बोल गुरू जय जयकार बोल प्रभु की जय जयकार
रु के श्री चरणकमल की बोलो मिलकर जय जयकार खिल विश्व का तेज हमारे प्रमु के रूप में भाया है सती के पापो जन का उद्घार लगाते आया है
हे प्रभु अविरल भवित हमें दो करें सबंदा जय जयकांर
मैं श्री प्रभु के चरण कमल की अटल भवित ही मांग रहा दे दो प्रभु जी मैं तेरा हूँ तेरी ओर निहार रहा तेरे दर से कोई खाली कभी नहीं जाता सरकार
हे करुणानिधि दीन बन्घु तुम मनुज रूप में आये हो पूण परात्पर ब्रह्मा हमारे गरू के रूप में आये हो मेरे प्रभ्नु सबके त्राता हैं बोलो उनकी जय जयकार