अपार शक्ति सिध्र हैं हमारे प्रभुजी देख लो अनन्त शुद्ध बुद्ध हैं हमारे प्रभु जी देख लो
सुख की राशि हैं हमारे प्रभु जीं ऐसा जान लो ये हो राम कष्ण शिव हैं मन में ऐसा मान लो अपार करुणा सिन्घु हैं हमारे प्रभु जी देव लो
द्रोपदी की लाज रखने साड़ी बन के आये थे गजको ग्राह से उबारने को दौड़े आये थें अननन्न सण्टि खष्टा हैं हमारे प्रथु जी देख लो
श्वाल बाल संग में बन में गउओं को चराये थे गोपियों के संग अनेक खेल तुम रचाये थे हष्टि दीक्षा दे के उनको बावला बनाये थे
हाद दीक्षा दे के सिज समान ही बनाये थे गगन सहश अनन्त हैं हमारे प्रभुजी देख लो
शार भूमि का हटाने राम बन के आये हो ज्ञान का प्रसार करने कृष्ण बन के आये हो यज्ञ हिसा रोकने को बुद्ध बन के आये हो अनन्त तेज पुज हैं हमारे प्रभु जी देख लो