मेरे प्रभुजी से तो बढ़कर कोई भी नहीं देखने की इच्छा हो तो देख लो सही
गुरूजी हमारे सबसे न्यारे जन जन की आँखों के तारे प्रभु जी हमारे जग के प्यारे हम सब उन के पुत्र दुलारे सबके उर के वासी हैं गुफा के ही नहीं जानने की इच्छा हो तो जान लो सही
भव बाधायें हरलेते हैं संशय भंग कराते हैं जिसको जो इच्छा होती है उसको पु्ण कराते हैं सब पर करूणा करते है शिष्यों पर ही नहीं देखने की इच्छा हो तो देख लो सही
मीरा के गिरधर नागर हैं तुलसी जी के राम यही सबके है आधार यही कुछ जन के हो नहीं घने की इच्छा हो तो देख लो सही
मेरे प्रभुजी से तो बढ़कर कोई भी नहीं देखने की इच्छा हो तो देख लो सही गुरूजी हमारे सबसे न्यारे जन जनकी आँखों के तारे प्रभुजी हमारे जग के प्यारे हम सब उनके पुत्र दुलारे
सबके उर के वासी है गुफा के ही नहीं जानने की इच्छा हो तो जान लो सही भव बाधाएं हर लेते है संशय भंग कराते है जिसकी जो इच्छा होती है उसको पूर्ण कराते है
सब पर करुणा करते है शिष्यों पर ही नहीं देखने की इच्छा हो तो देख लो सही गीता के श्रीकृष्ण यही है रामायण के राम यही मीरा के गिरधर नागर है तुलसी जी के राम यही
सबके है आधार यही कुछ जन के ही नहीं देखने की इच्छा हो तो देख लो सही