बिपत हों जगत के या साधन की बाधा हमें नाथ तेरा सहारा रहेगा प्रकृति के न विघ्नों से घबरायेंगे हम हमें नाथ तेरा सहारा रहेगा
अतुल शक्ति भंडार मेरे प्रभु हैं नहीं उनमें बढ़ करके सत्ता कोई है भला ऐसे प्रभ्ुजी मिले हों जिसे भी उसे और का क्या सहरा रहेगा
भवाणव को हम पार करके रहेंगे विषय वायु को नष्ट करके रहेंगे र मुश्किल क्या हमको प्रकति जीत लेना अमर नाथ तेरा सहारा रहेगा
भगति दो तुम्हारा सदा गान गावें कक कि मन में न अभिमान लावें रा लोक में हम या परलोक में हों गंब्देव तेरा सहारा रहेगा
बिपत हों जगत के या साधन की बाधा हमें नाथ तेरा सहारा रहेगा प्रकृति के न विघ्नों से घबराएंगे हम हमें नाथ तेरा सहारा रहेगा
अतुल शक्ति भंडार मेरे प्रभू हैं नहीं उनसे बढ़कर के सत्ता कोई है भला ऐसे प्रभुजी मिले हों जिसे भी उसे और का क्या सहारा रहेगा
भवार्णव को हम पार करके रहेंगे विषय वायु को नष्ट करके रहेंगे है मुश्किल क्या हमको प्रकृति जीत लेना अगर नाथ तेरा सहारा रहेगा
भगति दो तुम्हारा सदा गान गावें संभालो कि मन में न अभिमान लावें हों इस लोक में हम या परलोक में हों हे गुरुदेव तेरा सहारा रहेगा