ऐसो को महान जग माहीं
कारण सहित कृपालु महा प्रभु तुम समान कोउ नाहों त्रिभुवन वंद्य परम योगेश्वर सकल सिद्धि तुम्ह पाहीं रामरती पतिता को श्री प्रभु तारे एक पल माहां जो गति दीन्हि गोपालानन्दहि सो गति बरनि न जाहीं सो गति पाव किये अनेक तप कोउ एक सुनि गन माहौीं
ऐसे को महान जग माहीं कारण रहित कृपालु महा प्रभु तुम सामान कोउ नहीं त्रिभुवन वन्द्य परम योगेश्वर सकल सिद्धि तुम पाहीं जो गति दीन्हि गोपालानंदहिं सो गति बरनि न जाहीं सो गति पाव किये अनेक तप कोउ एक मुनि गन माहीं