आज योग का उड़े रे गुलाल कि प्रभु का जबाब नहीं !!
नर नारी सूब नाम पुकारें प्रभु जी सबके काज सवारें मिटते सब जांजाल कि प्रभु का जबाव नहीं
आज योग का उडै रे गुलाल, कि प्रभु का जवाब नहीं ।।
श्री प जो जी का मंत्र निराला भी पीले इसका प्याला सब को कर दे पार, कि प्रभु का जावाब नही
आज योग
प्रभु जी की ज्योती सबसे निराक्षी मिसने ने देखी ज्योती तुम्हारी दर्शन की लगी है कतार, कि प्रभु का जवाब नही
आज योग का उदै रे गुलाल प्रभु का जवाब नहींला