जप ले गुरु का नाम फिर पछताएगा अन्त समय न कोई साथ निभाएगा
गुरु की महिमा न्यारी ये तीन लोक के रखवारी रात रति बुआ उद्धारी कलि काल के अवतारी जन्म सुधर जाएगा
चरणों से ध्यान लगा ले तू सफल कर्म बना ले ज्योति से ज्योति जला ले तू सोया भाग्य जगा ले फन्दा कट जाएगा
गुरु वचनों की गाँठ लगा ले हृदय में डेरा बसा ले काम क्रोध पै संयम पा ले आशकी दूर भगा ले पार हो जाएगा
लीला धारी दया करेंगे वो संकट आप हरेंगे चरणों में शरण देंगे साधन योग बहेंगे 'अधम' तर जाएगा