दाता के दरबार में खड़े सभी हथ जोड़ देने वाला एक है मांगत लाख करोड़
आओ करें उस योगी के दर्शन जो तकदीर बदलते हैं ब्रह्म विष्णु और शिव शंकर महिमा जिनकी करते हैं
प्रभू रामलाल के प्यारे हैं गुरु चन्द्रमोहन कहलाते हैं अपने बच्चों के दुख लेकर सुख उन्हें पहुँचाते हैं झोली दर पर जो फैलाए मुरादें पूरी करते हैं
एक बार जो दर्शन पाता है दिल ही अपना दे जाता है मन्द मन्द मुस्कान देख कर जीवन सफल बनाता है उस अखण्ड मण्डला कार में अद्भुत रूप समाए हैं
ब्रह्मा और विष्णु वही हैं शंकर के अवतार वही राम और कृष्ण वही हैं चार धाम के सार वही
मुक्ति के धाम वही हैं बड़ी सरकार कि हैं
बिन माँगे सब कुछ देते भक्ति के वो भण्डार भरें पात्र को दिव्य दृष्टि देते और शक्ति का संचार करें 'अधम' देख शरण में जाकर सोए भाग जगाते हैं