प्रभुजी मेरे आओ जी हरि जी मेरे आओ जी
लगी दर्शन की आस मेरे नैनों की प्यास प्रभु आकर बुझाओ जी --- टेक
मैं किसे सुनाऊँ दुखड़ा प्रभु तुम बिन कौन है मेरा।
जब दुनिया ने ठुकराया तब लिया सहारा तेरा।।
प्रभु ना ठुकराओ जी मैं हूँ चरणों का दास --- १
मेरे जीवन की नैया प्रभो डगमग गोते खाती।
और दिखे दूर किनारा मेरी कुछ भी समझ नहीं आती।।
पार लगाओ प्रभुजी मुझको तुमसे ही है आस --- २
बिगड़ी के बनानेवाले मेरी बिगड़ी आज बना दे।
किस विधि करूँ में पूजा बस इतना मुझे बता दे।।
ज्ञान सिखाओ जी करो हृदय में वास --- ३
लगे पाँच लुटेरे पीछे प्रभो इनने बहुत सताया।
इनसे बचने के लिए ही मैं नाथ तेरे दर आया।।
मुझे बचाओ जी करो दुष्टों का नाश --- ४