तुम ठाकुर हम पुजारी, आजा रे साँवरिया
'मन मन्दिर को स्वच्छ कियो, अब आकर दरश दिखाओ 1 जगमग - २ छाये भीतर ऐसी ज्योति जगाओ "तुम पर हम बलिहारी, आजा रे सांवरिया
"सुन्छ शाम नित लगाके आसन श्री चरणन को ध्याऊँ 10 होये पुलकित रोम-रोम 211 मैं सत् चित् आनन्द पाऊँ "देन प्रन्तु तेरी न्यारी, आजा रे सांवरिया
"योग-योगेश्वर सद्गुरु मेरे योगसुधा बरषाओ कृतकृत मानें जनसाधारण प्रेमूलहर सूरसाओ आस आंजा सांवरिया 3 अब हमको
'सिद्धों के सरताज योगेश्वर आशिश तेरा पाऊ 4, जन्म-जन्म तक हे सिद्देश्वर महिमा तेरी गाँऊँ तुम हो मंगलकारी, आजा रे सांवरिया
"तुम ठाकुर हम पुजारी, आजा रे साँवरिगा