तेरे दर पर आये है कुछ लेके जायेंगे खाली झोली आये है भर भर के जायेंगे
तूने दाता इस जग के लाखों पापी तार दिए उसने भी जीवन पाया कष्टो से जो हार गए जिस पर हो जाये कृपा तुझ पर बल बल जायेंगे
तेरे गुण जो गाता है पापों से मुक्ति पाता है किलष्ट कर्म भुगतान करा जीवन सफल बनाता है मेरा तो बस ध्येय यही तुझमें ही रम जायेंगे
मंजिल चाहे दूर हो कितनी उससे तू ही मिलाएगा प्यार भरा संसार तुम्हारा उसमें ही खो जाऊंगा तेरे दर्शन पाऊँगा तुझसे मीत लगाऊँगा
दि. 7.4.999, रायपुर