गुरुवर पूजन का दिन आज आया
गुरुवर पूजन का दिन आज आया मिल जुल के चरण सब पखारो सुख और दुःख में जो साथ देता आया आया घर में सब खुशियाँ मना ओ
आज महक है सभी और निराली गुलशन फूलों से सारा सजा है खुशियों की निराली फिजा है आज चमन सारा तुझ पे फिदा है घर घर में है आनंद छाया
बज रहे शंख खड़ताल मजीरे गूँजते जय जय जय जय कारे कोई फूलों की माला चढ़ाता मंगल टीक चंदन का लगाये मुश्किलों से ये दिन आज आया
देवता भी सभी आज यहाँ है स्वर्गीय दर्शन यहाँ हो रहे है श्रृंगार मन को लुभा अति रहा है लगता जैसे समय थम गया है कितना सुंदर सुखद क्षण ये आया
चन्द्रमोहन हे गुरुवर हमारे मेरे परमेश्वर जन जन के प्यारे भूले भटकों को राह बताते योग दी क्षा सभी उनसे पाते कर्म योगी यहाँ खुद ही आया
गुरुपूर्णिमा, दि. & जुलाई 7998, गुरुवार, इन्दौर