तर्ज - उड़े जब जब जुल्फेक
इष्ट देव पूज्य मेरे गुरुवर हो परम पूज्य योगेश्वर तुम्हीं तो ब्रह्मा हो तुम्हीं तो विष्णू हो हो जगपालक शिवशंकर
हो अजर अमर अविनाशी हो तीनों लोक के वासी बसेरा तेरा कण कण में सदा रहो मेरे मन में योगेश्वर
हो अंधकतार के हर्त्ता (हरता) इष्ट देव पूज्य मेरे दाता तुम्हीं से ये सृष्टी है आदि सिद्ध योगी है योगेश्वर
हो अनादि सिद्ध योगीश्वर तुम परम पिता परमेश्वर जगत कल्याणी हो शिवम् कृष्णेश्वर हो योगेश्वर
हो शक्ति पात के दाता हर घट है तुम विनरीता तुम्हीं मेरे प्रियतम हो तुम्हीं तो अखिलेश्वर योगेश्वर
दि, 74 सितम्बर 2