तर्ज - हमारे निर्धन के धन राम
योगेश्वर चन्द्रमोहन गुरुदेव काटे सकल कलेश
ज्योतिर्मय आभा बलिहारी अष्ट योग त्रिपुरारी भूत भविष्य सब जनम हारी भक्तन के अखिलेश
तत्व ज्ञान दाता है मुरारी रखियो लाज हमारी अन्त न हो श्रद्धा वो देना रखना साथ महेश
साधु सन्त क्रषि मुनि और योगी जपते माला तेरी भक्ति भाव इतना भर देना रहे न दूजी आस
गुरु पूर्णिमा, दि. ।2 जुलाई ।9%95