तर्ज - आ लौट के आजा मेरे मीत
आ रोट के आओ गुरुदेव तुम्हें सब शिष्य बुलाते है यहाँ सूना पड़ा है आश्रम प्रभू सूना संवाई धाम
संकट पड़े जब याद करे हम आकर के कष्ट मिटाओ जीवन की मुश्किल सताती हमें है गुरुवर अब दर्श दिखाओ प्रभु अब तो निभाओ प्रीत तुम्हें सब शिष्य बुलाते है
काटों भरा है ये जीवन का रस्ता आके प्रभू अब बचाओ बीच भंवर में नाव पड़ी है आकर के पार लगाओ ये जनम न जाए बीत तुम्हें सब शिष्य बुलाते है
आर, के. गोस्वामी