डक बार बुला मन से वे दौड़े आयेंगे इक बार बुला मन से वे दौड़े आयेंगे मन कर्म वचन दे दो तेरे हो जायेंगे इक बार बुला मन से
मंदिर में जाकर के माथा को झुकाने से गुणगान सदा करके सत्संग में जाने से क्या उनको रिझाएगा वे तुझको रिझा लेंगे
धन दौलत जब तक है सब साथ निभाते है यदि उजड़ गया उपवन पक्षी उड़ जाते है एसी है प् में वे तेरा साथ निभायेंगे
रिश्ते नाते अपने सब जीवन के पोषक हैं यदि सिमट गया जीवन बस साथ यहीं तक है अनजान सी मंजिल का वे मार्ग बतायेंगे
मुश्किल से मिला तन है ऐसे न गवां देना गुरुवर के शब्दों को दिल से न मिटा देना प्रभु राम कृष्ण शंकर मन चन्द्र बसा देंगे
व दि. 08 अगस्त 207