जटा गंगधार प्रभू शोभायमान है जटा गंगधार प्रभू शोभायमान है गले मुण्डलमाल है कानों में कुण्डल सोहे सर्पो की माल है
इस भव के कण कण में झलकता प्यार तुम्हारा है तुम्हीं कर्ता धरता हो तुम्हीं से सृष्टी चलती है लिए वो मेरा ये शम्भू तेरा तलवगार था आज भी है और कल भी रहेगा
दर दर पे तेरा दरबार गूँजे घर घर में नाद तेरा हर मन में हो श्रृंगार बने गुलजार प्रभू तेरा तुझसा सुदर्शन मेरा बना मददगार है आज भी और कल भी रहेगा
दर्शन का प्यासा मैं प्रभू अब देर लगाओ ना तेरा ही ये जीवन प्रभू चरणों से लगा लेना भला हूँ बुरा हूँ प्रभु सेवक तेरे साथ है आज भी और कल भी रहेगा