तर्ज - ना कजरे की धार
मन में ना किया विचार कलि का जब होगा बार ब्रह्मा पूछेगा देख के लेखी किस के हो हकदार बोलो किसके हो हकदार
क्या दोगे तब ये जवाब हम ना कर पाए प्रयास ना प्रभू नाम जप पाए जिससे मिलता स्वर्ग प्रवास कैसे मिलता स्वर्ग प्रवास
तेरा अंग धरोहर उसकी मैली ना होने देना मनके पूजा के सजा के कंचन काया कर लेना तेरी निर्मल देख काया (मुस्काएगा करतार)
दुनियां के ताने बाने में उलझा लिया समय महान थोड़ा सा समय निकालो दे डालो उसको दान जिसका है कर्ज तुझ पर वो सहता तेरे वार
प्रभु रामलाल को जपना और करना गुरुवर ध्यान कर्मो के लालन पालन में ना भूलना तू ये ज्ञान तू आया कर्म करने फल पर है ना अधिकार
संसार में ऐसे रहना बन कर गुरुदेव की छाया कलियुग में नाम का जपना कांटे ये सारी माया कृपा गुरुवर जो भी पाता हो जाता भव से पार
7 अप्रैल 7995