तर्ज - कभी खुशी कभी गम
कंचन सी काया सदा श्वेत वस्त्रम भव भय विनाशम गुरुवर नमामी अष्ट योग दाता घट घट निवासम प्रत्मिक नवामीं चन्द्रशेखर स्वामी गुरुदेव नम: सद्गुरु देव नम: पाप नाशाय नम: शिव रुपाय नम: ये है मेरा धरम करु तुझको नमन
गुरुवर पूजन का दिन हम मनायें तेरे चरणों में शीष हम नवायें तुझको मन में बिठाऊँ मैं हरदम ये है मेरा धरम करूं तुझको नमन ना भूलेंगे हम प्रभु तुझको नमन
पद पूजन का अधिकार हमारा ऐसा सौभाग्य गुरुवर देना मन कर्म वचन से प्रभु मैं निभाऊँ जन्म जन्मान्तर वर प्रभु देना रहूं में हरदम दास तेरा ऐसे हो मेरे करम ये हैं मेरा धरम करूँ तुझको नमन ना भूलेंगे हम प्रभु तुझको नमन
दि. 40 2002, इन्दौर