चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ, तुम्हें अपनी ये मेरी आप बीती है ये मेरी ही सुनानी है कहानी है
प्रभु तुम मेरी चाहत हो, किसी से हमको क्या लेना करे क्यों फ्रिक दुनिया की हमे तुम से निभानी है चले -
शरण में ले भी लो हमको, या चरणों में ही रहने दो लग्न तुम से लगाई है, तुम्ही. -ने बिगडी बनाई है चले
तरसी हूँ मैं प्रभुजी, बस बहुत त फरियाद है जो दिल की बात है मेरी वो तुमको मेरी ही बतानी है।