तर्ज - ये कहानी है दिए की और
होगी उसकी कृपा तो वो आ जायेगा जाने किसको कहाँ मिल जायेगा होगी उसकी कृपा
कोई मन में मुरादे लाता हर्षित हो इच्छाये पाता शंकाओं का समाधान होता पर पीड़ाओं से मुक्ती पाता पाता जन्मों से सजाया सुख भगवान का
आते साधु संत सन्यासी हर प्रवचन होता कल्याणी भक्तों के कृष्ण मुरारी जन जन के वे त्रिपुरारी हरते क्लिष्ट कर्म भुगतान का
गंगा जमुना से वे निर्मछ रहते भक्तों के संग हरपल साया उनका रहता प्रतिपल रहते दुष्ट वहाँ पर असफल भव भय हारनी शक्ती भगवान की
दि. 30 जनवरी 2007, इन्दौर