कृपा करो हम पर प्यारे प्रभुजी हे भक्त वत्स कहाने वाले तुम्ही हो धनुसर चलाने वाले तुम्ही हो निरधर कहने वाले
देवीराम के सुतत हे धरती नंदन तुम्ही हो भगवती माता के लाला न कुछ को टाट बाबा बनाने वाले तुम्ही हो रामरती को तारने वाले
मुल्खराज जी गोपाल नंद जी नरसिंह मूर्ति और माता द्रोपदी सभी को योगी बनाने वाले गुरुवर को मोहन बनाने वाले
त्रेता में राम बन आये थे तुमही द्वापर कृष्ण कहाये थे तुमही कलियुग में तुब बन आये हो प्रभूजी अलूपुर के मोहन कहाने वाले
तुम्हें पुकारा था द्रोपदी ने बचाया प्रहलाद को तुम्हीं ने तुम्हीं हो साड़ी बढ़ाने वाले तुम्हीं हो खम्बे में उतरने वाले
इधर दुःखी दीन था विभीषण उधर सुदामा गरीब ब्राह्मण इसे भी लंका दिलाने वाले उसे त्रिलोकी बनाने वाले
कहाँ हो छुप गए दरश दिखाकर तुम्ही ही ढूढ़े ये अखियां व्याकु फिर से सुरतिया दिखला दो मोहन कण कण में व्यापक कहाने वाले
नरेन्द्र भारद्वाज