गुरुदेहा तुम्हारे चरण वाहु
गुरुदेव तुम्हारे चरण यहूँ या गंरा-यमन की धाराएँ जैसे भी पापी जन होने इन चरणों में गुक्ति पाए !!
मानव की तो रही बात झलंग, पत्थर जो चरणों में आए पाषाण से पारस बन जाये इन चरणों को जो हूँ जाए ।। गुरुदेव तुम्हारे
माया का जाल समाप्त हुआ चरणों की रज पा जाने से न पाप रहे ना पुन्य रहे, इन चरणों को जो अपनाए । गुरुदेव तुम्हारे
गुरुदेव तुम्हारे चरणों में तकदीर बदलती देखी है- पशुओं से नर फिरनारायण, चरणों में गुरुदेव तुम्हारे आकर हो जाये
यह दास प्रश्यू के चरणों में एका आशा लेकर आया है। श्रद्धा और प्रेम कली मेरी इदय में स्वामी खिलजाए !!
गुरुदेव तुम्हारे